इंजेक्शन के नशे में जकड़े युवाओं को आजाद कराएगा ओएसटी सेंटर, बरेली में स्वास्थ्य विभाग ने शुरू की पहल

बरेली: बरेली में इंजेक्शन से नशा कर रगों में जहर घोल रहे लोगों को इस लत से आजादी दिलाने के लिए जिला अस्पताल में ओपिएड सब्सियल्ट्यूशनल थेरेपी सेंटर का संचालन शुरू हुआ है। सप्ताह भर में यहां पांच लोगों को इलाज के लिए लाया गया, जो नशे के आदी है। जिसमें से दो का नियमित इलाज और काउंसलिंग जारी है।

सेंटर प्रभारी डॉ आशीष कुमार के मुताबिक नशाग्रस्त मरीजों के परिजनों को इनके इलाज के लिए वाराणसी, लखनऊ सहित प्रदेश के बड़े शहरों में जाकर उपचार कराने के झंझट से मुक्ति मिलेगी। साथ ही, परिवार के ऐसे सदस्य जो गलत संगत में नशा की लत से अपनी सेहत और सूरत बिगाड़ चुके हैं। उनके समुचित उपचार की उम्मीद जगी है।

स्टाफ को किया गया प्रशिक्षित
उन्होंने बताया कि युवाओं में नशाखोरी की बढ़ती प्रवृति को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने इस दिशा में पहल शुरू कर दी। इसी कड़ी में नशा की लत छुड़ाने के लिए विशेषज्ञों के साथ स्टाफ नर्स को प्रशिक्षित किया गया। जिला अस्पताल में ओएसटी (ओपियड सब्टीट्यूशन थेरेपी) सेंटर की स्थापना की गई है। इस सेंटर पर न सिर्फ नशाग्रस्त मरीजों का जांच होगा, बल्कि दवा भी दी जायेगी, जिससे नशा के लत की शिकार मरीजों की लत धीरे-धीरे छूट सकेगी।

जिले में ड्रग्स सहित कई तक जानलेवा नशा की चपेट में आए लोगों की संख्या अधिक है। लिहाजा स्वास्थ्य विभाग ने योजनाबद्ध तरीके से उपचार करेगा। ओएसटी विशेषज्ञों द्वारा पीड़ितों का नशा धीरे-धीरे छुड़वा का भरोसा भी परिजनों को दिया जा रहा है। हालांकि अभी उपचार का क्रम ही शुरू हो सका है।

सामाजिक संगठन का भी लिया जा रहा सहयोग
काउंसलर नेहा ने बताया कि नशे के आदी लोगों को केंद्र तक लाने के लिए सामाजिक संगठन चेतना का सहयोग लिया जा रहा है। अब तक करीब 100 से ज्यादा लोगों को संस्था के लोग इलाज के लिए लेकर आए हैं। काउंसलिंग और जांच के बाद पांच लोग इजेक्शन से नशा लेने की पुष्टि हुई। जो समूह बनाकर एक ही इंजेक्शन से आपस में नशा करते थे। इससे उनमें गंभीर रोग होने की भी आशंका होती है।

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