पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए कौन कर सकता है आवेदन और क्या मिलते हैं लाभ? यहां जानें

आप जब भी किसी योजना से जुड़ना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले ये चेक करना होता है कि क्या आप उस योजना के लिए पात्र हैं भी या नहीं। दरअसल, किस योजना का लाभ किन लोगों को देना और किन्हें नहीं ये पहले ही तय कर लिया जाता है जिसके लिए पात्रता सूची तैयार होती है।
जैसे, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना से कौन लोग जुड़ पाएंगे और कौन लोग नहीं। इसकी पहले से पात्रता सूची है और जो लोग इस लिस्ट के मुताबिक, पात्र हैं सिर्फ वे ही इसमें आवेदन कर सकते हैं। ऐसे में अगर आप भी पीएम विश्वकर्मा योजना से जुड़ना चाहते हैं तो आपको पहले ये जानना होता है कि क्या आप पात्रता सूची के मुताबिक, पात्र हैं या नहीं हैं। तो चलिए जानते हैं कौन लोग इस योजना से जुड़ सकते हैं और इस योजना के तहत क्या लाभ मिलते हैं…
योजना से जुड़ने के बाद ये लाभ मिलते हैं
- आप अगर पीएम विश्वकर्मा योजना से जुड़ते हैं तो आपको कई तरह के लाभ मिलते हैं। इसमें पहले आपको कुछ दिनों की ट्रेनिंग दी जाती है जो आपके काम को लेकर होती है। इसमें आपको एडवांस स्कील सिखाए जाते हैं जिसके लिए प्रशिक्षण चलने तक आपको रोजाना 500 रुपये देने का प्रावधान है
- लाभार्थियों को अलग से 15 हजार रुपये भी दिए जाते हैं। ये पैसा लाभार्थियों को इसलिए दिया जाता है ताकि, वे टूलकिट खरीद सके। जो उनके काम के लिए जरूरी होती है
- योजना से जुड़ने के बाद आपको सस्ती ब्याज दर पर लोन भी देने का प्रावधान है। इसमें पहले कुछ महीनों के लिए एक लाख रुपये का लोन दिया जाता है। फिर इसे वापस करने के बाद आपको अतिरिक्त दो लाख रुपये का लोन मिल सकता है
कौन लोग योजना से जुड़ सकते हैं?
पीएम विश्वकर्मा योजना में आवेदन करने के लिए आवेदनकर्ता की उम्र 18 वर्ष से अधिक होना अनिवार्य है। इस योजना में सिर्फ नीचे दी गई सूची में शामिल 18 पारंपरिक व्यापारों से जुड़े लोग ही आवेदन कर सकते हैं:-
- पत्थर तराशने वाले हैं, धोबी और दर्जी हैं, हथौड़ा और टूलकिट निर्माता हैं, जो ताला बनाने वाले हैं और जो लोग राजमिस्त्री हैं, पत्थर तोड़ने वाले हैं, जो लोग मूर्तिकार हैं, अगर आप सुनार हैं
आप अगर फिशिंग नेट निर्माता हैं, टोकरी/चटाई/झाड़ू बनाने वाले हैं, जो अस्त्रकार हैं, नाई यानी बाल काटने वाले हैं, अगर आप मालाकार हैं, जो नाव निर्माता हैं, गुड़िया और खिलौना निर्माता का काम करते हैं, मोची/जूता बनाने वाले कारीगर हैं, जो लोग लोहार का काम करते हैं।