एचडी कुमारस्वामी के खिलाफ अवमानना कार्यवाही पर ‘सुप्रीम’ रोक, NGO को जारी किया नोटिस

नई दिल्ली:  कर्नाटक के एक गांव में जमीन हड़पने को लेकर केंद्रीय मंत्री एचडी कुमार स्वामी के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर एचडीकुमार स्वामी की याचिका पर संज्ञान लेते हुए आरोप लगाने वाले एनजीओ समाज परिवर्तन समुदाय को नोटिस जारी किया है। एनजीओ ने कुमारस्वामी और उनके परिवार के सदस्यों पर बिदादी के केथागनहल्ली गांव में बड़े पैमाने पर भूमि अतिक्रमण का आरोप लगाया है।

न्यायमूर्ति पंकज मिथल और न्यायमूर्ति प्रसन्ना बी वराले की पीठ ने कहा कि एक खंडपीठ की ओर से 14 जनवरी, 2020 को पारित आदेश की कथित अवज्ञा के लिए उच्च न्यायालय के समक्ष अवमानना की कार्यवाही लंबित है। याचिका में उपरोक्त आदेश उच्च न्यायालय द्वारा अतिरिक्त महाधिवक्ता के बयान के आधार पर पारित किया गया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य कर्नाटक लोकायुक्त द्वारा पांच अगस्त, 2014 को पारित आदेश का तीन सप्ताह की अवधि के भीतर पालन करेगा।

पीठ ने कहा कि लोकायुक्त का आदेश विस्तृत था, लेकिन प्रकृति में मध्यवर्ती था और बाद में लोकायुक्त ने तीन मार्च, 2021 को कार्यवाही बंद कर दी। शीर्ष अदालत में केंद्रीय मंत्री के वकील सीए सुंदरम ने कहा कि लोकायुक्त के अंतरिम आदेश पर अवमानना की कार्यवाही नहीं हो सकती। क्योंकि मामला लोकायुक्त ने ही बंद कर दिया था।

उन्होंने यह भी कहा कि संबंधित समय पर याचिकाकर्ता अवमानना कार्यवाही में पक्षकार नहीं था, लेकिन फिर भी उसके खिलाफ बेदखली की कार्रवाई की गई। इसलिए उच्च्तम न्यायालय ने 28 मई 2025 के आदेश के तहत याचिकाकर्ता द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका का निपटारा करते हुए उसे उच्च न्यायालय के संज्ञान में यह लाने की स्वतंत्रता दी कि उसे अवमानना कार्यवाही से हटा दिया गया है। सुंदरम ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बाद कुमारस्वामी ने उच्च न्यायालय में एक आवेदन दायर किया था, लेकिन उन्हें अवमानना कार्यवाही में पक्षकार बना दिया गया।

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