चांदी 5000 रुपये उछलकर नए रिकॉर्ड स्तर पर, जानें क्या है सोने का भाव

अमेरिकी टैरिफ अनिश्चितताओं के बीच अमेरिकी डॉलर में कमजोरी के बाद निवेशकों का ध्यान सुरक्षित निवेश की तरह आकर्षित रहा। सोमावार को राजधानी दिल्ली में चांदी की कीमत 5,000 रुपये की तेजी के साथ 1,15,000 रुपये प्रति किलोग्राम के नए उच्च स्तर पर पहुंच गई। शनिवार को सफेद धातु 4,500 रुपये की तेजी के साथ 1,10,000 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई थी।

वहीं सोना 200 रुपये बढ़कर 99,570 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने का भाव भी 200 रुपये बढ़कर 99,000 रुपए प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) हो गया। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने इसकी पुष्टि की है।

इसके अलावा, कमोडिटी एक्सचेंज में चांदी वायदा 2,135 रुपये या 1.88 प्रतिशत बढ़कर 1,15,136 रुपये प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। इस बीच, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर अगस्त डिलीवरी के लिए सबसे अधिक कारोबार वाला सोना अनुबंध 518 रुपये या 0.53 प्रतिशत बढ़कर 98,336 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया।

चांदी 14 वर्षों के उच्चतम स्तर पर पहुंची
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी ने कहा कि चांदी की कीमतें बढ़ रही हैं। चांदी अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 14 वर्षों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। यह तेजी सोने के विकल्प के प्रति निवेशकों की रुचि में बदलाव के कारण है।

टैरिफ अनिश्चितता ने सोने को सहारा दिया
एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट रिसर्च एनालिस्ट जतीन त्रिवेदी ने कहा कि वैश्विक टैरिफ तनाव के फिर से बढ़ने से सोने की कीमतों में सकारात्मक रुख देखा गया। इससे कीमतों में मजबूती का रुख बना हुआ है। अमेरिका द्वारा यूरोपीय संघ, कनाडा और मैक्सिको सहित अपने व्यापारिक साझेदारों पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने और डॉलर इंडेक्स में व्यापक कमजोरी के कारण सोना एक पसंदीदा सुरक्षित निवेश बन गया है।

सोना सर्वकालिक उच्च स्तर पर बढ़ेन को तैयार है
अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी हाजिर 1.71 प्रतिशत बढ़कर 39.02 डॉलर प्रति औंस हो गई। वैश्विक बाजारों में हाजिर सोना मामूली बढ़त के साथ 3,371.14 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड में ईबीजी – कमोडिटी एवं करेंसी रिसर्च के उपाध्यक्ष प्रणव मेर ने कहा कि सोने में फिर से तेजी आई है और कीमतें अपने सर्वकालिक उच्च स्तर की ओर बढ़ने के लिए तैयार हैं। इसे टैरिफ संबंधी अनिश्चितता बढ़ने, रूस-यूक्रेन युद्ध में वृद्धि की संभावना और ईटीएफ निवेशकों और केंद्रीय बैंकों की विविधीकरण की बढ़ती मांग से समर्थन मिल रहा है।

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