ट्रेन किराए में मामूली बढ़त से भरेगा रेलवे का खजाना, जानें 1500 करोड़ रुपए जुटाने का प्लान

नई दिल्ली:  भारतीय रेलवे ने करीब पांच साल के बाद एक जुलाई से यात्री किराए में बढ़ोतरी कर दी है। हालांकि ये बढ़ोतरी मामूली है। लेकिन इससे रेलवे को जरूर थोड़ी राहत मिलेगी। इससे यात्रियों पर ज़्यादा बोझ भी नहीं पड़ेगा। वहीं किराया बढ़ाने से रेलवे को भी जबरदस्त कमाई होगी। रेलवे का मानना है कि इस छोटे से किराया संशोधन से करीब 1,500 करोड़ रुपए की अतिरिक्त कमाई हो सकती है।

रेलवे के बढ़े हुए किराए के बाद राजधानी दिल्ली से मुंबई जैसे लंबे रूट पर एसी कोच में सफर करने वाले यात्रियों को अब करीब 30 रुपए ज्यादा किराया देना पड़ रहा है, क्योंकि प्रति किलोमीटर 2 पैसे की बढ़ोतरी की गई है। जबकि वंदे भारत ट्रेन में छोटे रूट्स पर सफर करने वालों के टिकट में 10 से 14 रुपए तक की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के नॉन एसी डिब्बों में सफर करने वालों के लिए 1 पैसा प्रति किलोमीटर का अतिरिक्त खर्च जुड़ गया है। यानी लंबी यात्रा में थोड़ा असर जरूर महसूस होगा, लेकिन यह अब भी बहुत मामूली है।

रेलवे से जुड़े सूत्रों का कहना है कि, किराए में यह बढ़ोतरी बहुत मामूली है और जरूरी भी थी। क्योंकि रेलवे को लंबे समय से यात्री सेवाओं पर घाटा उठाना पड़ रहा है, जिसकी भरपाई मालभाड़े से भरना पड़ता है। यह फेयर स्ट्रक्चर सुधार की दिशा में एक कदम है। इस बढ़े हुए किराए से रेलवे को करीब 1,500 करोड़ की अतिरिक्त कमाई हो सकती है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि,रेलवे की कमाई बढ़ाने के लिए सिर्फ यात्री किराया बढ़ाना काफी नहीं है। रेलवे को फ्रेट सेक्टर में अपनी हिस्सेदारी बढ़ानी होगी।

इससे पहले 2014-15 में जब एनडीए की सरकार ने सत्ता में आई थी तब 14.2 प्रतिशत की बड़ी बढ़ोतरी से रेलवे को 8,000 करोड़ रुपए मिले थे। 2020 में भी किराया बढ़ाया गया था, लेकिन फिर कोविड लॉकडाउन और यात्रा प्रतिबंधों की वजह से असर कम हो गया। उस वक्त रेलवे को 2,100 करोड़ रुपए की उम्मीद थी। रेलवे को वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में यात्री सेवाओं से 92,800 करोड़ रुपए की आमदनी का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 25 के संशोधित अनुमान 82,000 करोड़ रुपए से 11 प्रतिशत ज्यादा है। सिर्फ एसी थ्री-टियर कोच से ही रेलवे को 37,115 करोड़ रुपए की उम्मीद है, जो पिछले साल से 23 प्रतिशत ज्यादा है।रेलवे सूत्रों का कहना है कि, यह बढ़ोतरी पहले से ही तय थी। कोविड के समय हुए घाटे की भरपाई जरूरी है। रेलवे ने वित्त मंत्रालय से 79,000 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था, जिसकी किस्त वित्त वर्ष 25 से शुरू होनी थी, लेकिन अब 2 साल की छूट मिली है।

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