समोसे-कचौड़ी में कितना तेल-चीनी? सरकारी दफ्तरों में लगेगा बोर्ड; मोटापे के खिलाफ केंद्र का अभियान

नई दिल्ली : भारत में तेजी से बढ़ते मोटापे और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने एक नई पहल की है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों, विभागों और स्वायत्त संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे समोसा, कचौड़ी, फ्रेंच फ्राइज, वड़ा पाव जैसे भारतीय नाश्तों में कितनी तेल और चीनी होती है, यह ऑयल और शुगर बोर्ड के जरिए साफ-साफ दिखाएं।
क्या है ऑयल और शुगर बोर्ड योजना?
स्वास्थ्य मंत्रालय चाहता है कि दफ्तरों, स्कूलों और सार्वजनिक संस्थानों में खाने की वस्तुओं में छुपे हुए तेल और चीनीकी मात्रा की जानकारी दी जाए। इसके लिए एक बोर्ड या डिजिटल पोस्टर लगाया जाए जो लोगों को यह जानकारी दे और उन्हें स्वस्थ विकल्प चुनने के लिए प्रेरित करे।
मंत्रालयों से क्या की गई है अपील?
- ऑयल और शुगर बोर्ड लगाना
- स्वास्थ्य संदेशों को स्टेशनरी में शामिल करना
- दफ्तरों में हेल्दी फूड उपलब्ध कराना – इसमें कम वसा वाला खाना, फल और सब्जियां ज्यादा, मीठे पेय और हाई फैट स्नैक्स की उपलब्धता सीमित करना शामिल है।
- शारीरिक गतिविधियों को बढ़ावा देना – इसमें सीढ़ियों के उपयोग को बढ़ाना, छोटे-छोटे एक्सरसाइज ब्रेक लेना और दफ्तर में वॉकिंग रूट बनाना शामिल है।
कहां लगेगा यह हेल्थ बोर्ड?
स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश के अनुसार, ये बोर्ड कैफेटेरिया, लॉबी, मीटिंग रूम और अन्य सार्वजनिक स्थान लगाए जाएं। इसका मकसद यह है कि कर्मचारी और आम नागरिक रोजमर्रा की आदतों को सुधारें और हेल्दी खाना अपनाएं।
सरकारी स्टेशनरी पर भी स्वास्थ्य संदेश
इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि सभी मंत्रालय अपने लेटरहेड, लिफाफे, नोटपैड, फोल्डर आदिपर भी स्वास्थ्य संबंधी संदेश छापें, जैसे- ‘कम तेल, कम चीनी – सेहत के लिए अच्छी जिंदगी।’ ‘रोज चलें कुछ कदम, सेहत रहे हरदम।’ यह रोजाना याद दिलाने का एक तरीका होगा कि लोग मोटापे से बचने के लिए सजग रहें।