वाईएस जगन मोहन रेड्डी का दावा- आंध्र प्रदेश पर बढ़ा वित्तीय संकट, CAG के आंकड़ों का हवाला दिया

अमरावती: आंध्र प्रदेश के विपक्षी नेता वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने शनिवार को दावा किया कि राज्य की वित्तीय स्थिति वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में और बिगड़ गई है। उन्होंने नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) के ताजा आंकड़ों का हवाला देते हुए यह बात कही।
जगन रेड्डी ने कहा कि सीएजी की पहली तिमाही के मासिक आंकड़े खतरनाक स्थिति के संकेत दे रहे हैं। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में वित्तीय दबाव और भी बढ़ गया है। सीएजी की ओर से अपलोड किए गए मासिक आंकड़े स्पष्ट रूप से राज्य सरकार की वित्तीय स्थिरता को लेकर गंभीर स्थिति दिखाते हैं।
उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश जैसे राज्य में लोक वित्त प्रबंधन एक कठिन कार्य है, जो विभाजन से प्रभावित हुआ है। जगन रेड्डी ने कहा कि कल्याण और विकास के क्षेत्रों में सही मात्रा में खर्च ही निजी खपत और निवेश को प्रोत्साहित कर सकता है, जिससे आर्थिक प्रगति का चक्र चल सके।
वाईएसआरसीपी प्रमुख जगन रेड्डी ने आरोप लगाया कि राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में सालाना बढ़ोतरी के कमजोर आंकड़े दिखाते हैं कि सरकार में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को कर और दूसरी कमाई के रास्तों से जो आमदनी मिलनी चाहिए थी, वो बहुत कम हुई है, जिससे वित्त वर्ष की पहली तिमाही में राज्य की कमाई काफी कमजोर रही।
उन्होंने दावा किया कि यह साफ है कि राज्य ने अपनी आर्थिक गति खो दी है, क्योंकि कई राजस्व श्रेणियों में बेहद कम या नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई है। रेड्डी ने यह भी कहा कि जीएसटी और बिक्री कर आमतौर पर उपभोग स्तर को दर्शाते हैं, लेकिन सीएजी के आंकड़े दिखाते हैं कि वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में इन दोनों करों से आय पिछले साल की इसी अवधि से भी कम रही है, जबकि पिछली बार भी यह स्तर कमजोर था।
जगन रेड्डी ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस साल की पहली तिमाही में राज्य की खुद की कमाई (राजस्व आय) में सिर्फ 3.47% की मामूली बढ़ोतरी हुई है। वहीं, अगर केंद्र सरकार से मिलने वाले अनुदान को भी जोड़ दें, तो कुल मिलाकर राज्य की कमाई में 6.14% की बढ़ोतरी हुई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि राज्य अपनी खुद की आय के बजाय अन्य स्रोतों पर खर्च चलाने के लिए अधिक निर्भर है। फिलहाल, सत्तारुढ़ तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) की ओर से इस पर कोई तत्काल प्रतिक्रिया नहीं आई है।