जिस गांव में पापा का मजाक उड़ता था, आज वहीं उनकी पूजा होती है, रवि किशन ने सुनाई संघर्ष की कहानी

भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार और सांसद रवि किशनसे बातचीत में अपने बचपन और संघर्ष की कहानी बताई। इस दौरान उन्होंने कई पुराने किस्से भी साझा किए। एक्टर ने बताया कि किस तरह एक पुजारी के बेटे के तौर पर उन्होंने बचपन में ताने, अपमान और गरीबी देखी। लेकिन आज वही बातें उनकी ताकत बन चुकी हैं।

पापा की फटी धोती और जनेऊ पर लोग हंसते थे
अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए रवि किशन ने बताया कि बचपन में मुझे बहुत अपमान सहना पड़ा। हमारे घर की हालत बहुत खराब थी। पापा मंदिर में पुजारी थे। उनका पहनावा बहुत सादा था। वो फटी धोती, सिर पर चोटी और जनेऊ पहनकर रहते थे। इस कारण गांव के लोग उनका मजाक उड़ाते थे। उनकी पूजा को लोग हल्के में लेते थे। उस वक्त मुझे बहुत दुख होता था, लेकिन कुछ कर नहीं सकता था।

दुख होता था जब पापा को लोग ताने मारते थे
रवि किशन ने बताया कि उस वक्त वो कुछ नहीं कर पाते थे, बस चुपचाप सब देखते थे। एक्टर ने कहा कि मुझे बहुत दुख होता था जब पापा को लोग ताने मारते थे। हमारे पास न पैसा था, न ताकत। बस एक बच्चा था, जो अंदर ही अंदर टूटता जा रहा था।

अब पापा के नाम की सड़क, मंदिर और गेट है
आगे रवि किशन ने बताया कि कैसे अब उनके गांव में उनके पापा को सम्मान मिलता है। अभिनेता ने बताया कि ये सारी बातें मेरे मन में घर कर गईं और मैंने ठान लिया कि एक दिन हालात बदलेंगे। आज मैंने पापा के नाम पर गांव में सड़क बनवाई है, मंदिर बनवाया है, एक बड़ा गेट बनवाया है। जो इज्जत उन्हें उस वक्त नहीं मिली, वो अब मैं दिला रहा हूं। मेरी कोशिश है कि अब कोई गरीब या ईमानदार इंसान सिर झुकाकर न जिए। जो दर्द मैंने देखा, वो किसी और को न झेलना पड़े। यही मेरा असली सपना है।

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