शताब्दी वर्ष में हर गांव, हर घर तक पहुंचेगा संघ…

नई दिल्ली: केशव कुंज दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक (04, 05, 06 जुलाई 2025) रविवार को संपन्न हुई। आज केशव कुंज में आयोजित प्रेस ब्रीफिंग में अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर जी ने बैठक के संबंध में जानकारी प्रदान की। बैठक में पूजनीय सरसंघचालक जी, माननीय सरकार्यवाह जी का मार्गदर्शन सभी कार्यकर्ताओं को प्राप्त हुआ।
सुनील आंबेकर जी ने बताया कि प्रांत प्रचारक बैठक में शताब्दी वर्ष की योजना को लेकर चर्चा हुई। शताब्दी वर्ष के दौरान समाज के सभी वर्गों की सहभागिता से ग्रामीण क्षेत्रों में मंडल और शहरी क्षेत्रों में बस्ती स्तर पर हिन्दू सम्मेलनों का आयोजन किया जाएगा। वर्तमान में देश में संघ रचना से 58964 मंडल, 44055 बस्तियां हैं। हिन्दू सम्मेलनों में समाज के उत्सवों, सामाजिक एकता व सद्भाव, पंच परिवर्तन के विषयों पर चर्चा होगी। इसी प्रकार समाज में सद्भाव-समरसता को बढ़ावा देने के लिए 11360 खंडों/नगरों में सामाजिक सद्भाव बैठकों का आयोजन होगा। संघ रचना के अनुसार देश के 924 जिलों में प्रमुख नागरिक गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा। समूह, व्यवसाय, वर्ग के अनुसार गोष्ठियों में भारत के विचार, भारत के गौरव, भारत के स्व आदि विषयों पर चर्चा होगी।
उन्होंने कहा कि वृहद गृह संपर्क अभियान के तहत हर गांव, हर बस्ती के अधिकतम घरों तक पहुंचने का प्रयास किया जाएगा। शताब्दी वर्ष के सारे कार्यक्रमों का उद्देश्य व्यापक आउटरीच है, भौगोलिक, सामाजिक दृष्टि से समाज के सभी लोगों तक जाना और सभी कार्यों में उनकी सहभागिता हो। यह अभियान एक तरह से सर्वसमावेशी, सर्वस्पर्शी होगा। विजयादशमी उत्सव से शताब्दी वर्ष का शुभारंभ होगा। देशभर में आयोजित विजयादशमी उत्सवों में सभी स्वयंसेवक शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि देश आगे बढ़ रहा है, आर्थिक व तकनीकी प्रगति कर रहा है। लेकिन केवल आर्थिक या तकनीकी दृष्टि से आगे बढ़ना पर्याप्त नहीं है। हमारे समाज की विशेषताएं, राष्ट्र के अपने विशेष गुणों के साथ ही समाज के सभी लोगों की चिंता करना, पर्यावरण की चिंता करना, परिवार में जीवन मूल्यों की रक्षा करना, सामाजिक जीवन में आपसी सद्भाव बना रहे, पंच परिवर्तन के इन विषयों को समाज तक लेकर जाएंगे। इस संदेश को शताब्दी वर्ष के सारे कार्यक्रमों के माध्यम से समाज में ले जाएंगे। इसके बारे में समाज सोचता है और उसमें सहभागी होता है तो हमारी यह प्रगति एकतरफा नहीं होगी और वह सर्वसमावेशी होगी, सबको साथ लेकर आगे बढ़ेगी।