70 से ज्यादा मौलानाओं-स्कॉलर से 3 घंटे बातचीत हुई; इससे पहले 2022 में मिले

RSS: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत गुरुवार को दिल्ली के हरियाणा भवन में मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ बैठक की। RSS की टॉप लीडरशिप और 70 से ज्यादा मुस्लिम धर्मगुरुओं, बुद्धिजीवियों, मौलानाओं, स्कॉलर के बीच करीब 3 घंटे बातचीत हुई।

इस बैठक में ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख उमर अहमद और RSS महासचिव दत्तात्रेय होसबाले, सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल, राम लाल, इंद्रेश कुमार सहित आरएसएस के अन्य पदाधिकारी शामिल हुए हैं। हालांकि, वहां क्या बातचीत हुई, ये अभी साफ नहीं हुआ है।

इससे पहले सितंबर 2022 में मोहन भागवत ने कई मुस्लिम धर्मगुरुओं से मुलाकात की थी। बैठक में ज्ञानवापी विवाद, हिजाब विवाद और जनसंख्या नियंत्रण जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई थी। इस दौरान भागवत दिल्ली के एक मस्जिद में भी गए थे।

RSS अपनी सहयोगी संस्था मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (MRM) के जरिए मुस्लिम मौलवियों, धर्मगुरुओं और समुदाय के प्रमुख लोगों के साथ बातचीत करता है। 2023 में MRM ने कहा था- वह एक राष्ट्र, एक झंडा, एक राष्ट्रगान के लिए पूरे देश में अभियान चलाएगा

मोहन भागवत ने मुंबई में मुस्लिम विद्वानों को संबोधित किया था।
सितंबर 2021 में मुस्लिम विद्वानों के एक कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था- भारत में रहने वाले हिन्दुओं और मुसलमानों के पूर्वज एक समान हैं। मुस्लिमों को भारत में डरने की जरूरत नहीं है। हमें मुस्लिम वर्चस्व की नहीं बल्कि भारत वर्चस्व की सोच रखनी होगी।

भागवत ने आगे कहा था- हिंदू यह कोई जाति या भाषा वाचक संज्ञा नहीं है। यह हर व्यक्ति के विकास, उत्थान का मार्गदर्शन करने वाली परंपरा का नाम है। फिर चाहे वह किसी भी भाषा, पंथ, धर्म के हों, वे हिंदू हैं। इसलिए समझदार मुस्लिम नेताओं को कट्टरपंथियों के विरुद्ध मजबूती से खड़ा हो जाना चाहिए।

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