पूरी तरह ध्वस्त हो गया अवैध अड्डा, पांच करोड़ की कोठी ढहाने में 4.67 लाख हुए खर्च

बलरामपुर: यूपी के बलरामपुर में धर्मांतरण का अड्डा बनी छांगुर की पांच करोड़ की कोठी पूरी तरह धराशायी कर दी गई। धर्मांतरण और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के आरोपी छांगुर ने यह कोठी वर्ष 2022 में नीतू उर्फ नसरीन के नाम से बनवाई थी। दो दिन पहले मंगलवार को इसके ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की गई। 10 बुलडोजर तीन दिन में कोठी ढहा पाए। आखिर में मुख्य गेट को धराशाई कर दिया गया। यह गेट सुरक्षा को देखते हुए तैयार किया गया था। इस पर संगमरमर लगाया गया था।
एटीएस द्वारा छांगुर की गिरफ्तारी के बाद सरकारी बंजर जमीन पर बनाई गई कोठी ढहाने की कवायद शुरू की गई। पिलर पर बनी 40 कमरों की कोठी को गिराने में प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी। एक मीटर भाग तोड़ने में एक घंटे से अधिक का समय लग रहा था। प्रतिदिन 10-10 घंटे बुलडोजर को चलाया गया। इसके बाद भी दो बिस्वा में बनी कोठी गिराने में तीन दिन लग गए।
दूसरी कोठी पर ताला लगाकर बढ़ा दी गई निगरानी
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोठी कितनी मजबूत बनाई गई थी। छांगुर ने एक ही परिसर में दो कोठी और एक अस्तबल बनवाया था। इसमें गेट के बाईं तरफ की कोठी गिरा दी गई है। इसके अलावा दूसरी कोठी वैध होने के कारण उसमें ताला लगा दिया गया है। इसकी निगरानी भी बढ़ा दी गई है।
एसडीएम राजेंद्र बहादुर ने बताया कि अवैध निर्माण पूरी तरह ढहा दिया गया है। इसके साथ ही मुख्य गेट भी अवैध ही बना था। अंदर एक दूसरा गेट बनाया गया था, जो वैध था। उसे नहीं गिराया गया है।
पांच करोड़ की कोठी गिराने में लगे 4.67 लाख
मधपुर में छांगुर ने दो बीघे में एक परिसर का निर्माण कराया था। बताया जाता है कि इस पर 12 करोड़ का खर्च आया था। जिस कोठी को गिराया गया है, उसके निर्माण पर पांच करोड़ रुपये खर्च हुए थे। इसे गिराने में प्रशासन को करीब 4.67 लाख रुपये खर्च करने पड़े। तहसील प्रशासन ने खर्च का ब्यौरा तैयार किया है। इसकी वसूली आरोपी नीतू नसरीन से ही की जाएगी। सीधे धनराशि जमा न करने पर आरसी जारी करके रिकवरी की जाएगी।