‘संविधान के किसी भी शब्द को छुआ गया तो..,’ दत्तात्रेय होसबाले के बयान पर खरगे की प्रतिक्रिया

बंगलूरू:  आरएसएस के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने बीते दिनों संविधान की प्रस्तावना से समाजिकता और धर्मनिरपेक्षता शब्द को हटाने की बात कही। हासबाले के इस बयान के बाद देश में सियासी गर्माहट तेज होती दिख रही है। ऐसे में अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अगर संविधान के किसी भी शब्द को छुआ गया तो कांग्रेस उसकी कड़ी विरोधी होगी और वह अंतिम दम तक लड़ाई करेगी।

होसबाले को बताया मनुस्मृति का समर्थक
बंगलूरू में पत्रकारों से बातचीत के दौरान मल्लिकार्जुन खरगे होसबाले को मनुस्मृति का समर्थक बताया। उन्होंने कहा कि वे गरीबों और कमजोर वर्ग को आगे बढ़ने नहीं देना चाहते। वे हजारों साल पुरानी व्यवस्था को बनाए रखना चाहते हैं। इसलिए वे समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता और संविधान के मुख्य सिद्धांतों को पसंद नहीं करते। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ होसबाले की सोच नहीं, बल्कि पूरी आरएसएस की विचारधारा है।

क्या बोला था दत्तात्रेय होसबाले ने?
बता दें कि दत्तात्रेय होसबाले ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा था कि संविधान की मूल प्रस्तावना में ये शब्द बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने नहीं डाले थे। उन्होंने बताया कि ये शब्द आपातकाल के दौरान जोड़े गए थे, जब देश में मौलिक अधिकार निलंबित कर दिए गए थे और संसद काम नहीं कर रही थी। साथ ही होसबाले ने सुझाव दिया कि इन शब्दों को लेकर फिर से चर्चा होनी चाहिए कि इन्हें प्रस्तावना में रखना चाहिए या नहीं।

कमजोर समुदायों के खिलाफ है आरएसएस
साथ ही खरगे ने पूरे आरएसएस को कमजोर समुदायों के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि आरएसएस गरीब, दलित, पिछड़े वर्गों और अन्य कमजोर समुदायों के खिलाफ है। अगर वे सचमुच हिंदू धर्म के रक्षक हैं तो पहले छुआछूत जैसी कुरीतियों को खत्म करें। खरगे ने आरएसएस के पास इतना संसाधन और सदस्य हैं, उन्हें छुआछूत खत्म करने के लिए काम करना चाहिए, न कि केवल बातें बनाकर देश में भ्रम फैलाना।

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