‘इंडसइंड बैंक में चीजें जल्द ही ठीक हो जाएंगी’, आरबीआई गर्वनर ने दिए सुधार के संकेत

आरबीआई ने इंडसइंड बैंक के हालात में सुधार आने की बात कही है। इसके बाद इंडसइंड के शेयरों में 5.3% तक का उछाल देखा गया। रिजर्व बैंक के गर्वनर संजय मल्होत्रा ने कहा है कि बैंक ने लेखांकन प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं। बैंक कुल मिलाकर अच्छा प्रदर्शन कर रही है। उन्होंने कहा कि इंडसइंड बैंक के सीईओ और एमडी की ओर से इस्तीफा देना अच्छा फैसला था। डिप्टी गवर्नर जे स्वामीनाथन ने कहा कि ऋणदाता जिस लेखांकन चूक से जूझ रहे हैं, उस मामले में चीजें जल्द ही ठीक हो जाएंगी। उन्होंने का कि पिछले तीन महीनों में बैंक पटरी पर लौट रहा है।
क्या है इंडसइंड बैंक से जुड़ा पूरा मामला?
इंडसइंड बैंक ने 10 मार्च 2025 को एक्सचेंज फाइलिंग में बताया था कि इंटर्नल रिव्यू में डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में अकाउंटिंग गड़बड़ी का पता चला है। इसके चलते बैंक की कमाई में कमी आने और नेटवर्थ पर 2.35% तक का नकारात्मक प्रभाव पड़ने का अनुमान लगाया गया था। बैंक ने मार्च में कहा था कि वर्षों तक गलत लेखांकन के कारण 31 मार्च को समाप्त वित्तीय वर्ष में उसके खातों को करीब 23 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ।
बैंक की आंतरिक ऑडिट में क्या सामने आया?
इसके अलावा, इसके माइक्रोफाइनेंस कारोबार के आंतरिक ऑडिट में पाया गया कि तीन तिमाहियों में लगभग 8 करोड़ डॉलर को गलत तरीके से ब्याज के रूप में दर्ज किया गया था।। कंपनी में इस गड़बड़ी के सामने आने के बाद इसके सीईओ सुमंत कठपालिया और उनके डिप्टी अरुण खन्ना ने अप्रैल महीने में छोड़ दिया था। कठपालिया ने अपने इस्तीफे का कारण बैंक के डेरिवेटिव्स पोर्टफोलियो में 2.27% के नेटवर्थ घाटे को बताया था। डेरिवेटिव अकाउंटिंग चूक का पहली बार खुलासा होने के समय की तुलना में फिलहाल बैंक के शेयर छह प्रतिशत की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। एक समय पर यह गिरावट 17% तक पहुंच गई थी।