समय से 12 दिन पहले महाराष्ट्र पहुंचा मानसून; तीन दिन के अंदर मुंबई में देगा दस्तक

मुंबई:केरल के बाद दक्षिण-पश्चिम मानसून महाराष्ट्र पहुंच गया है। इसके अगले तीन दिनों में मुंबई और कुछ अन्य हिस्सों में पहुंचने की उम्मीद है। यह आमतौर पर 7 जून के आसपास महाराष्ट्र और 11 जून को मुंबई पहुंचता है।
ऐसी है मानसून की रफ्तार
भारतीय मौसम विभाग ने रविवार को बताया कि मानसून रविवार को अरब सागर, कर्नाटक, पूरे गोवा, महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों, उत्तरी बंगाल की खाड़ी और मिजोरम के कुछ हिस्सों, मणिपुर और नागालैंड के कुछ हिस्सों में पहुंच गया। मानसून की उत्तरी सीमा देवगढ़, बेलगावी, हावेरी, मांड्या, धर्मपुरी, चेन्नई, आइजोल, कोहिमा से होकर गुजरती है।
कब और कहां-कहां पहुंचने वाला है मानसून?
आईएमडी ने कहा, ‘मध्य अरब सागर के कुछ और हिस्सों, मुंबई सहित महाराष्ट्र के कुछ और हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए हालात अनुकूल हैं। ऐसे ही बंगलूरू सहित कर्नाटक, आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों, तमिलनाडु के शेष इलाकों, पश्चिम-मध्य व उत्तरी बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों में भी हालात मानसून के हिसाब से ही है। अगले तीन दिनों के दौरान पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ और हिस्सों में भी मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं। महाराष्ट्र में तटीय कोंकण और मुंबई में पिछले दो दिनों से भारी प्री-मानसून बारिश हो रही है।’
शनिवार को केरल में दस्तक दी थी
इससे पहले दक्षिण-पश्चिम मानसून ने शनिवार को केरल में दस्तक दी थी। यह 2009 के बाद से भारतीय मुख्य भूमि पर इसका सबसे जल्दी आगमन था। तब यह 23 मई को दक्षिणी राज्य में पहुंचा था। आमतौर पर मानसून केरल में 1 जून को दस्तक देता है। हालांकि, सबसे पहले 1918 में 11 मई को मानसून ने केरल में दस्तक दे दी थी। देरी से मानसून के आने का रिकॉर्ड 1972 में था, जब मानसूनी बारिश 18 जून से शुरू हुई थी। पिछले 25 वर्षों में सबसे देरी से मानसून का आगमन 2016 में हुआ था, जब मानसून ने 9 जून को केरल में प्रवेश किया था।