‘परिवार को संभाल लेना’, आखिर क्या हैं इस बात के मायने, क्या राहुल संभालेंगे विरासत

राज्यसभा में नामांकन के बाद सोनिया गांधी रायबरेली से रिश्ते की दुहाई दे रही है। उनकी इस भावुक अपील के सियासी मायने हैं। परिवार को पहले की तरह संभावने की दुहाई देकर उन्होंने संदेश दिया है कि रायबरेली से गांधी परिवार के तार जुड़े.

परिवार के सदस्य का लोकसभा उम्मीदवार बनना तय है। इसमें राहुल गांधी के बजाय प्रियंका गांधी की प्रबल संभावना हैं। हालांकि परिवार को संभाल लेने की बात में इस बात का इशारा भी हो सकता है कि अमेठी से मिली हार के बाद राहुल गांधी को रायबरेली में शिफ्ट किया जाए।

कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पत्र में गांधी परिवार और रायबरेली के संबंधों की जड़ों को न सिर्फ गहरा बताया है बल्कि रायबरेली के बिना अपने परिवार को अधूरा बताया है। वह अपने संसदीय क्षेत्र में भले ही कुछ दिन से सक्रिय नहीं थीं, लेकिन रायबरेली को अपनी ससुराल से सौभाग्य की तरह मिलने की बात करके भावनात्मक लगाव को भी उजागर किया है।

इसे सियासी तौर पर देखा जाए तो वह रायबरेली की जनता से पहले की तरह ही समर्थन की ख्वाहिशमंद हैं। क्योंकि फिरोज गांधी, इंदिरा गांधी और फिर खुद को मिले समर्थन के साथ ही उन्होंने भविष्य में परिवार को संभालने की अपील की है।

यह अपील भी इशारा कर रही है कि रायबरेली संसदीय क्षेत्र से गांधी परिवार जुड़ा रहना चाहता है। गांधी परिवार की हर गतिविधियों पर नजर रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार राज खन्ना कहते हैं कि सोनिया गांधी के पत्र में रायबरेली की जनता से पीढ़ीगत प्यार, लगाव और भविष्य की ख्वाहिश भी छुपी हुई है। किसी कारणवश प्रियंका या राहुल उम्मीदवार नहीं बनते हैं तो यहां से गांधी परिवार के किचन कैबिनेट का व्यक्ति ही मैदान में उतरेगा। हालांकि ऐसी नौबत आने की संभावना न के बराबर है।

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