अनुमति के बिना पेड़ काटने के मामले में हाईकोर्ट का FIR रद्द करने से इनकार; 2014 का है मामला

बॉम्बे हाई कोर्ट ने 2014 में एक व्यक्ति के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया है। दरअसल, व्यक्ति के खिलाफ नागरिक अधिकारियों की अनुमति के बिना पेड़ काटने और पक्षियों एवं उनके घोंसलों को नुकसान पहुंचाने के आरोप में एफआईआर दर्ज किया गया था।

2014 में दर्ज की गई थी याचिका
जस्टिस एएस गडकरी और श्याम चंदक की पीठ ने 15 जनवरी को अमित धुतिया द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया था। उन्होंने बताया कि आरोपी के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है। आरोपी के खिलाफ मई 2014 में एफआईआर दर्ज की गई थी।

मामले के अनुसार, याचिकाकर्ता ने खार में अपनी हाउसिंग सोसाइटी की परिसर में नागरिक अधिकारियों की अनुमति के बिना इमली का पेड़ काटा था। इस वजह से 40 से अधिक पक्षियों के घायल होने के साथ उनके घोंसले भी क्षतिग्रस्त हो गए थे। याचिकाकर्ता ने दावा किया था वह केवल पेड़ की छटाई कर रहा था। उसने आगे बताया कि घायल पक्षियों को आइरोली की जंगलों में छोड़ दिया गया था।

पीठ ने गवाहों के बयान का हवाला देते हुए बताया कि पेड़ की सभी शाखाएं काट दी गई थी। पक्षियों के अंडे टूटे हुए थे, कुछ बच्चे जाल में फंसे हुए थे। इस घटना में कई पक्षियों की मौत हो गई थी। अदालत ने इस मामले को प्रथम दृष्टया मामला बताया है। उन्होंने याचिकाकर्ता की याचिका को रद्द कर दिया।

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